Monday, 1 February 2010
आत्महत्या ...ना कभी नहीं
ऐसा क्या करें जो तमाम दुखों और जिम्मेदारियों से छुटकारा मिल जाये ? युवा मन सोचता है क्यों न आत्महत्या कर ली जाये ? लकिन क्या कभी सोचा है, अगर ऐसा कर भी लें तो क्या दुखों और जिम्मेदारियों का अंत संभव है ? नहीं बिलकुल नहीं ....... बल्कि आपकी जवाबदेही और बढ़ जाएगी उस माँ के प्रति जिसने आपको नौ महीने की पीड़ा के पाया ...उस पिता के प्रति जिसने अपना सब कुछ अपने बेटे और उसके सपनो के लिए दाव पर लगा दिया ....उन छोटे भाई बहनों के प्रति जिन्हें आपके स्नेह की जीवन भर कमी खलेगी ......उन सपनों की जो आपने सिर्फ और सिर्फ अपने लिए देखे .....का सपनों सब इन अपने अपने परिवार के साथ देखा.... क्या होंगा इन सब सपनों का ? ये सब आपके सपने हैं और आपके अपनों के लिए इन्हें पूरा करना नामुमकिन है ।दोस्तों अगर आत्महत्या करना इतना आसान माध्यम होता तो....... जीवन जीने के क्या मायने ? आत्महत्या जैसे कमजोर माध्यम का के साथ कभी कोई जीवन या जंग जीती नहीं जा सकती .....उसके लिए जीवन जिया जाता है । हाँ कई बार उमीदों के दबाब के चलते अगर विचलित हो जाओ तो सीधे-सीधे अपने माता-पिता के पास जाओ और बोल दो बॉस ! मैं आपके सपनों को जरूर पूरा करूंगा लेकिन थोडा और टाइम दीजिये या अगर आप पूरा न भी कर सको तो बोल दो ..मैं नहीं कर सकता लेकिन मैं कुछ अलग प्रयास करूंगा ।आप देखना आपके अपने न सिर्फ आपको समझेंगे ....बल्कि आपका साथ भी देंगे । क्यों दोस्तों आप अपने बच्चों का साथ दोगे ना ....? देखा सब हाँ बोल रहे हैं ! अच्छा कई बार प्यार और स्नेह के अभाव में ऐसा भी दिन आ जाता है jab एक लड़के या लड़की की हाँ या ना इतनी महत्वपूर्ण हो जाती है कि हम कुदरत के सबसे हसीन तोहफे को एक पल में बिखेर देते हैं और पीछे छोड़ देते हैं ढेर सारे प्रश्न और संवेदनाएं । यारों जिन्दगी बड़ी ही हसीन है ...जानते हो न ? तो दोस्तों जिन्दगी बहुत बड़ी है और इसमें आपसे प्यार करने वालों कि कोई कमी नहीं है . हर मोड़ पर आपसे प्यार करने वालों की भीड़ लगी होगी .....बस जरूरत है उस लम्हे से निकलकर जिन्दगी की ओर बढ़ने की .....फिर देखना जिन्दगी इतनी भी बुरी नहीं कि एक हां/ना के लिए आत्महत्या जैसे तुच्छ सी गलती कीजाये ....देश और आपके अपने बड़ी उमीदों से अपने युवाओं को देख रहा है , अपनों को कमजोर तो न होने दो । आओ हम शपथ लें कि अब और आत्महत्या नहीं होने देंगे ....इसके लिए प्रयास आप और हमें दोनों को करने होंगे । बस यारो जियो जी भर के ....जो है समां कल हो ना हो !

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posted by Unknown @ 02:45   0 comments
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